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सुघर सिंह पत्रकार को फर्जी फँसाने बाला जाजमऊ थाने में तैनात हैड कांस्टेबल निकला गौकशी गिरोह का मददगार , निलंबित

ब्यूरो रिपोर्ट इटावा एक्सप्रेस राजीव कुमार

सुघर सिंह पत्रकार को फर्जी फँसाने बाला जाजमऊ थाने में तैनात हैड कांस्टेबल निकला गौकशी गिरोह का मददगार , निलंबित कानपुर देहात के एसपी की रिपोर्ट पर हुई कार्रवाई, गिरोह से फोन पर होती थी वात, विभागीय जांच शुरू

इटावा / कानपुर । संत बचन पत्थर की लीका, यह कहावत तो आपने बहुत सुनी होगी लेकिन कानपुर में यह कहावत पूरी तरह सत्य साबित हो रही है। मामला सैफई के एक पत्रकार से जुड़ा है जो अपने साथ हुई ज़्यादती का न्याय माँगने पंडोखर हनुमान दरबार में जाता है वहाँ पंडोखर धाम के पीठाधीश्वर पंडित गुरुशरण शर्मा जी उसका पर्चा बनाते है पर्चे में साफ़ तौर पर लिखा है फर्जी मुक़दमे में फँसाया गया है पर्चे में विरोधियों पर विजय की तारीख़ भी 19 जून 2023 लिखी हुई है। सुघर सिंह विरोधियों पर हो रही लगातार कार्यवाही से खुश है उनका कहना है कि उन्हें श्री पंडोखर हनुमान सरकार ने उन्हें न्याय दिलाया है। 18 मार्च 2020 को उत्तर प्रदेश ज़िला मान्यता प्राप्त पत्रकार एसोसिएशन के तत्कालीन आगरा मंडल प्रभारी सुघर सिंह पत्रकार अपनी कार से पुलिस महानिदेशक लखनऊ से मिलकर लौट रहे थे। इसी दौरान उनके पूर्व परिचित मित्र तत्कालीन थाना प्रभारी नज़ीराबाद मनोज रघुवंशी ने मिलने के बहाने सुघर सिंह को कानपुर बुलाया और फर्जी तरीक़े से गिरफ़्तार कर पुलिस का फर्जी कार्ड लगाकर दो मुक़दमे में साज़िश करके फँसा दिया। इसमें दरोग़ा नागेंद्र यादव व यतीश कुमार भी व सिपाही अहमद सिपाही प्रदीप कुमार व अन्य गिरफ़्तार करने वालों की टीम में शामिल थे। सुघर सिंह पत्रकार की कई लोगों से मुक़दमे बाजी चल रही है उन्ही मुक़दमे के अभियुक्तों ने थाना नज़ीराबाद के प्रभारी निरीक्षक मनोज रघुवंशी के साथ मिलकर साज़िश रची और बुलाकर फँसा दिया। सुघर सिंह के मुक़दमों के अभियुक्तों ने थाना नज़ीराबाद में सुघर सिंह का वीडियो बनाया फोटो खींची और फ़ेसबुक पर बायरल की। सुघर सिंह पत्रकार के पास लायसेंसी रिवाल्वर होते हुए 315 बोर के दो कारतूस लगाकर फर्जी बरामद दिखाकर साज़िश की गई। हेड कांस्टेबल मुहम्मद अहमद पर निलंबन की कार्यवाही से सुघर सिंह पत्रकार व उनके परिवार ख़ुशी का माहौल है। सुघर सिंह ने बताया कि 18 मार्च 2020 को कानपुर में पुलिस की साज़िश ने उन्हें पूरी तरह तोड़ दिया था न्याय के लिए लगातार तीन साल से भटक रहा हूँ लेकिन नीचे बालों ने न्याय नहीं दिया और ऊपर बाले ने न्याय दिया है दो आरोपी दरोग़ा व एक सिपाही को सजा मिल चुकी है। अब सीओ मनोज रघुवंशी, व प्रदीप सिपाही बचे है भगवान इन्हें भी जल्द सजा देगा। कानपुर देहात के एसपी की जांच में यह चौंकाने वाली जानकारी सामने आने के बाद हेड कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है। उसके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है। कानपुर देहात पुलिस ने 20 दिन पहले गोकशी करने वाला गिरोह पकड़ा था। इस गिरोह के सदस्यों के मोबाइल नंबरों की जब सीडीआर निकाली गई तो हेड कांस्टेबल मोहम्मद अहमद से बातचीत का भी ब्योरा सामने आया। कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने सिपाही की सीडीआर रिपोर्ट के आधार पर पुलिस आयुक्त बीपी जोगदण्ड को आख्या भेजी थी। इसको संज्ञान में लेते हुए डीसीपी पूर्वी शिवाजी शुक्ला ने मोहम्मद अहमद को निलंबित कर दिया। हालांकि विभागीय पूछताछ में आरोपित पुलिसकर्मी ने तर्क दिया है कि कानपुर देहात पुलिस को शहर में गोकशी करने वालों की तलाश थी। उसने गिरफ्तारी में मदद की थी, जिसकी वजह से आरोपित की गिरफ्तारी भी हुई। हालांकि कानपुर देहात की पुलिस रिपोर्ट के अनुसार मोहम्मद अहमद की गिरोह से जुड़े कई लोगों से लगातार बातचीत चल रही थी। वह दबिश डालने आई टीम के बारे में भी गिरोह को सूचनाएं दे रहा था। प्रकरण में एसीपी छावनी वृजनारायण सिंह को आरोपित हेड कांस्टेबल के खिलाफ विभागीय जांच सौंपी गई है।आरोपितों से 60 बार से ज्यादा बातचीत मोहम्मद अहमद भले ही दावा करें कि उसने गोकश को पकड़वाने में भूमिका निभाई थी, लेकिन सीडीआर रिपोर्ट के मुताबिक उसकी गौकशों के साथ 60 बार से ज्यादा मोबाइल फोन पर बातचीत हुई। यही नहीं कुछ अन्य अपराधी गिरोह से भी उसके संबंध बताए जा रहा है । 20 दिन पहले कानपुर देहात पुलिस ने गोकशी करने वाला गिरोह पकड़ा था, जांच में हेड कांस्टेबल का पता चला पूर्वी जोन में ही रहा तैनात इसके अलावा वह पूर्वी जोन के ही थानों में अधिकांश समय तैनात रहा। रेल बाजार, कैंट के अलावा क्राइम ब्रांच में रहा। इससे भी साफ हो रहा है कि वह उन्हीं इलाकों में रहा, जहां से गोमांस आता-जाता है।

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